Farida

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घास में गुड़िया



घास में गुड़िया



एक राजा था। उसके बारह बेटे थे। जब वे बड़े हो गए, तब राजा ने उनसे कहा कि तुम्हे अपने अपने लिए एक-एक पत्नी ढूंढकर लानी है। लेकिन वह पत्नी एक ही दिन में सूत कातकर कपड़ा बुने, फिर उससे एक कमीज सिलकर दिखाए, तभी मैं उसे बहू के रूप में स्वीकार करूंगा।"

   इसके बाद राजा ने अपने बेटों को एक-एक घोड़ा दिया। वे सभी अपनी-अपनी पत्नी खोजने निकल पड़े। कुछ ही दूर गए थे कि उन्होंने आपस में कहा कि वे अपने छोटे भाई को साथ नहीं ले जाएंगे।

   ग्यारह भाई अपने छोटे भाई को अकेला छोड़कर चले गए। वह रास्ते में सोचने लगा कि वह आगे जाए या लौट जाए। उसका चेहरा उतर गया था। वह घोड़े से उतरकर घास पर बैठ गया और रोने लगा। रोते-रोते अचानक चौंक गया। उसके सामने की घास हिली और कोई सफेद चीज उसकी ओर आने लगी। जब वह चीज राजकुमार के पास आई, तो उसे एक नन्ही-सी लड़की दिखाई दी।

   उसने कहा- "मैं छोटी-सी गुड़िया हूँ। यहां घास पर ही रहती हूँ। तुम यहां क्यों आए हो?"

   राजकुमार ने अपने बड़े भाइयों के बारे में बताया। उसने अपने पिता की शर्त के बारे में भी बताया। फिर उसने गुड़िया से पूछा- "क्या तुम एक दिन में सूत कातकर, कपड़ा बुनकर एक कमीज सिल सकती हो? अगर यह कर दोगी, तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा। मैं अपने भाइयों के दुर्व्यवहारों के कारण आगे नहीं जाना चाहता।" 

   गुड़िया ने 'हाँ' कर दी। तुरंत ही उसने सूत काता कपड़ा बुना और एक छोटी-सी कमीज लेकर महल की ओर चल पड़ा। जब वह महल में पहुंचा तो उसे शर्म आ रही थी, क्योंकि कमीज बहुत छोटी थी। फिर भी राजा ने उसे विवाह करने की अनुमति दे दी।

   राजकुमार गुड़िया को लेने चल पड़ा। जब वह घास पर बैठी गुड़िया के पास पहुंचा, तो उसने गुड़िया से घोड़े पर बैठने को कहा। गुड़िया ने कहा- "मैं तो अपने दो चूहों के पीछे चांदी की चम्मच बांधकर उसमें बैठकर जाऊंगी।"

   राजकुमार ने उसका कहना मान लिया। राजकमार घोड़े पर सवार हो गया। गुड़िया चूहों के पीछे बंधी चांदी की चम्मच पर सवार हो गई। राजकुमार सड़क के एक ओर चलने लगा, क्योंकि उसे डर था कि कहीं उसके घोड़े का पांव गुड़िया के ऊपर न पड़ जाए। गुड़िया सड़क के जिस ओर चल रही थी, उस ओर एक नदी बह रही थी। अचानक गुड़िया नदी में गिर गई। लेकिन जब वह नदी के अंदर से ऊपर आई, तो राजकुमार के समान बड़ी हो गई थी। राजकुमार बहुत प्रसन्न हुआ। 

   राजकुमार महल में पहुंचा, तो उसके सभी बड़े भाई अपनी-अपनी होने वाली पत्नियों के साथ वहां आ चुके थे। लेकिन उसके भाइयों की पत्नियों का न व्यवहार अच्छा था , न ही वे सुन्दर थीं। जब उन्होंने अपने भाई की सुन्दर पत्नी को देखा, तो वे सभी जल-भुन गए। राजा को पता चला कि बड़े पुत्रों ने छोटे राजकुमार के साथ दुर्व्यवहार किया है, तो उसने बड़े बेटों की खूब निंदा की। फिर छोटे बेटे को गद्दी सौंप दी। छोटे राजकुमार का विवाह गुड़िया के साथ धूमधाम से हुआ। अब छोटा राजकुमार राजा था और गुड़िया रानी। दोनों सुख से रहने लगे।




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